Friday, January 20, 2012

दो भाई

दो भाई थे। और दोनों ही बड़े शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा गाँव तंग आया हुआ था। मातापिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों क्या मुसीबत घर लेकर आयेंगे ?

एक दिन गांव में एक साधु आया। लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा है। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये। गाँव के कई लोगो ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके आशीर्वाद से उनकी बुध्धी कुछ ठीक हो जाये। मां को ये बात ठीक लगी। माँ ने सोच की एक एक को लेकर जाती हु | क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत कर दें और साधु नाराज हो जाये।

अगले ही दिन मां एक बच्चे को लेकर साधु के पास पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा ।

साधु ने बच्चे से पूछा - ”बेटे, तुम भगवान को जानते हो न ? बताओ, भगवान कहां है ?”

बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह सुजाये साधु की ओर देखता रहा। साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया । पर बच्चा फिर भी कुछ नहीं बोला। अब साधु को हलकी चिढ़ सी आई। उसने थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा - मैं क्या पूछ रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता । जवाब दो, भगवान कहां है ?
बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह फुलाए साधु की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।
अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज दी पर वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के नीचे छुप गया। दूसरा भाई, जो घर पर ही था, उसने उसे छुपते हुये देखकर पूछा - ”क्या हुआ ? छुप क्यों रहे हो ?”

पहला बच्चा:- भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ। बच्चे ने डरे हुये स्वर में कहा।
दूसरा भाई :-पर हुआ क्या ?” बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने की कोशिश करते हुये पूछा।

पहला भाई :-अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं। भगवान कहीं गुम हो गया है और साधू लोग समझ रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है................

No comments:

Post a Comment