आंसू
आंसुओं से मिरी तहरीर नहीं मिट सकती
कोई कागज़ हूँ कि पानी से डराता है मुझे
दूध पीते हुए बच्चे की तरह है दिल भी
दिन में सो जाता है रातों में जगाता है मुझे
सर पे सूरज की सवारी मुझे मंज़ूर नहीं
अपना कद धूप में छोटा नज़र आता है मुझे
बशीर बद्र
आंसुओं से मिरी तहरीर नहीं मिट सकती
कोई कागज़ हूँ कि पानी से डराता है मुझे
दूध पीते हुए बच्चे की तरह है दिल भी
दिन में सो जाता है रातों में जगाता है मुझे
सर पे सूरज की सवारी मुझे मंज़ूर नहीं
अपना कद धूप में छोटा नज़र आता है मुझे
बशीर बद्र
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